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बुधवार, 26 जून 2013

आपदा के समय स्लैंगिंग के मैच न खेलो प्लीज! (व्यंग्य/Satire)

          हमारे दोनों मुख्य राष्ट्रीय दलों का यदि बस चले तो शायद वे स्लैंगिंग को हमारा राष्ट्रीय खेल बना  दें. वैसे तो सभी राजनीतिक दलों को इस  खेल में आनंद आता है.  उत्तराखंड में आई आपदा इनके लिए इस खेल के नए राउंड खेलने का अवसर लेकर आई है.सबसे पहले तो  किसी ने सवाल उठाया कि देश की सारी समस्याओं का हल जिनके पास है अर्थात नरेंद्र मोदी, वे कहाँ हैं. फिर किसी ने कहा कि गुजरात ने अमीर श्रेणी का राज्य होते हुए भी सिर्फ दो करोड रुपए ही क्यों दिए. स्पष्ट है कि सवाल सत्ताधारी पार्टी की तरफ से उठे थे.फिर जब नरेंद्र  मोदी उत्तराखंड में दिख गए तो प्रश्न उठ गया कि राहुल कहाँ हैं.यह प्रश्न मुख्य विपक्षी दल की तरफ से आया था.इसी बीच केदारनाथजी का "स्टेट आफ दि  आर्ट पुनर्निर्माण" करवा  दिए जाने का भी प्रस्ताव आ गया.किसी ने पंद्रह हजार गुजरातियों के बचाए जाने का भी दावा कर दिया. सत्ताधारी दल की काटो तो खून नहीं जैसी हालत हो गई.किसी ने सवाल किया कि मोदी को क्यों जाने दिया गया.अब ऐलान किया गया कि वी.आई.पी. ज्यादा से ज्यादा हवाई  चक्कर लगा कर चले जाएं, उतरने की इजाजत न होगी.किसी को भी अलग से राहत कार्य चलाने की इजाजत न होगी , जो सहायता देना हो उत्तराखंड सरकार को दें .उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर बनाने के  लिए उन्हे बाहरी सहायता की जरूरत नहीं है.मुख्य विपक्षी दल का कहना है कि जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने मंदिर बनवाने के लिए कहा तो आपत्ति नहीं,अब हम कह रहे हैं तो इतनी आफत.इस बीच राहुल बाबा आ गए.मुख्य विपक्षी दल ने तुरंत आपत्ति जताई-जब वी आई पी को जाने की इजाजत नहीं है तो राहुल बाबा वहाँ कैसे पहुँच गए.सत्ताधारी दल का जवाब है कि तुम तो फोटो खिंचाने गए थे,वे सेवा करने गए हैं;तुम वी आई पी बन कर गए थे ,वे आम आदमी बनकर मदद करने  गए हैं.मुख्य विपक्षी दल चिल्ला रहा है-फाउल-फाउल!पर गनीमत है कि इस खेल में  कोई रेफरी या अंपायर नहीं है.वरना दोनों तरफ से उसकी टांगें खींची जातीं  और शायद बेचारा खडा भी नहीं रह पाता.

          इस आपदा के समय तो शर्म करो भाई! जिनके स्वजन लापता हो गए हैं या काल के गाल में समा गए हैं   उनकी सोचो.ऐसे लोगों की संख्या सैकडों में नहीं,हजारों में है.अपने इस  खेल को कुछ दिनों  के लिए मुल्तवी  कर अगर वास्तव में देशप्रेम  है तो आपदा  से पीडित जनता की शांतिपूर्वक मदद करो.अगर वह भी नहीं कर सकते हो तो कम से कम चुपचाप रहो  और जले पर नमक छिडकने जैसा काम न करो. कुछ दिनों के बाद फिर चौके-छक्के मार लेना.अभी तो धोनी चैंपियंस ट्राफी ले आए हैं और वही काफी है. जनता को कुछ दिनों के लिए बख्श दो प्लीज!

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