hamarivani.com

www.hamarivani.com

गुरुवार, 26 फ़रवरी 2015

माँ सचमुच महान होती है ! ( इसे व्यंग्य/Satire कहने की मेरा विवेक अनुमति नहीं देता)

माँ सचमुच महान होती है

पुत्र भले ही कुपुत्र हो
माता कभी भी कुमाता नहीं होती

पुत्र हठ कर बैठा-

मैंया मैं तो तेरो मुकुट ही लैहों
जो न मानी तू
तोहें छोड़ वन को चले जैहों
यह ले अपनी लकुटि कमरिया

और पुत्र वन को चल दिया
माँ 'बेटा-बेटा' चिल्लाती रही
आखिर माँ बोली-ठीक है बेटा
ये मुकुट तेरा ही है,
घर लौट आ ,मुकुट ले - ले

लाल। ने जल्दी ही लौट आने का वादा किया और मान गया!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें