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सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

छूटा हुआ सामान आपको पकडाती है (गजल)

छूटा हुआ सामान आपको पकडाती है
'सर, टेक केयर प्लीज' कह वो मुस्कुराती है।

पापी पेट के लिए वो अपना आराम छोड़
 दिन तो कभी रात यह ड्यूटी बजाती है।

किसी की माँ,बहन- बेटी या पत्नी है
 पर उन्हें सोता छोड़ भी चली आती है।

लड़की जो विशेष वेशभूषा में सजी हुई है
आपको देख भोर चार बजे मुस्कुराती है।

सच्ची-झूठी-बनावटी एयरपोर्ट पर
कई तरह की मुस्कराहटें नजर आती हैं।

कभी-कभी ही नजर आती है 'संजय'
वो मुस्कराहट जो दिल को पकड़ पाती है।


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