संसदीय राजभाषा समिति
व्यर्थ है
करना खुशामद रास्तों की
काम सफर के
आते अपने पांव
- माननीय श्री सत्य नारायण
जटिया जी द्वारा संसदीय राजभाषा समिति के निरीक्षण के समय उद्धृत
समिति का गठन 1976 में किया गया।
इस समिति के अध्यक्ष गृह
मंत्री होते हैं तथा भारत सरकार द्वारा समिति के उपाध्यक्ष
एवं संयोजक नियुक्त किए जाते हैं।
वर्तमान में
समिति के अध्यक्ष
श्री अमित शाह गृह मंत्री हैं तथा उपाध्यक्ष श्री भर्तृहरि महताब हैं।
समिति की कुल सदस्य संख्या
30 होती है।
इनमें से 20 सदस्य लोकसभा से तथा 10 सदस्य राज्यसभा से होते हैं।
उप समितियां
3 तथा एक आलेख एवं
साक्ष्य उपसमिति होती है।
प्रत्येक उप
समिति में 10 सदस्य होते
हैं ।
समिति
द्वारा अब तक 13000 से अधिक
केंद्रीय सरकार कार्यालयों का निरीक्षण किया जा चुका है जिसमें उपक्रम तथा निगम भी
शामिल हैं।
800 से अधिक
कार्यालयों से मौखिक साक्ष्य जुटाए गए हैं।
समिति
राष्ट्रपति महोदय के समक्ष अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करती है, जिनके 8 खंड अब तक
प्रस्तुत किए जा चुके हैं।
समिति का
जोर एवं टिप्पणियां प्राय: निम्नलिखित बातों पर होती हैं-
- लोक
+भाषा/संवाद +तंत्र= लोकतंत्र
- संसदीय
समिति प्रश्नावली राजभाषा के क्षेत्र में आपके काम का आईना है।
- क्षमता
का उपयोग नहीं।
- क्षमता
है पर विकास नहीं।
- संसाधन
है पर उपयोग नहीं।
- लक्ष्य
की तरफ दौड़ में दमदारी नहीं।
- आत्म
चिंतन की जरूरत है।
- व्यक्तिगत
कुशलता को संपूर्णता में परिवर्तित करना है।
- समझना
है। समझे बिना परिणाम नहीं।
- मात्र
लक्ष्य प्राप्त कर संतुष्ट हो जाना पूर्णता नहीं । ध्येय शत-प्रतिशत का होना
चाहिए।
- खानापूर्ति
से उद्देश्य पूरा नहीं होता।
- सरल
हिंदी का प्रयोग कर हिंदी को बढ़ावा दें।
विभागाध्यक्ष
- नियमों
की जानकारी सबको होनी चाहिए विशेषकर विभागाध्यक्ष को।
- विभागाध्यक्ष इनकी जानकारी रखने का प्रयास नहीं
करते।
- विभागाध्यक्ष
स्वयं हिंदी में कार्य नहीं करते।
- विभागाध्यक्ष
संसदीय समिति प्रश्नावली के पृष्ठ 32 से 44 का अध्ययन ठीक से करें इनमें नियमों तथा अधिनियम
की जानकारी दी गई है।यदि वे इनका अध्ययन कर लेते तो उन्हें संसदीय समिति के
सामने लज्जाजनक स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता।
- विभागाध्यक्ष
नियम 12 के अंतर्गत समुचित
उपाय नहीं करते। नियमों की अवहेलना पर कार्रवाई नहीं की जाती। कमजोर प्रशासक
का आदर नहीं होता है। आदेशों का पालन करवाएं। काम में कसावट लाइए।
अधिकारी
- प्रवीणता प्राप्त अधिकारियों द्वारा स्वयं अपने
स्तर पर हिंदी में पर्याप्त काम नहीं किया जाता है।स्रोत का प्रवाह सदैव ऊपर
से नीचे की तरफ होता है इसे ध्यान में रखा जाए।
- प्रवीणता प्राप्त अधिकारियों द्वारा अपने स्तर
पर डिक्टेशन हिंदी में नहीं दिए जा रहे हैं।
- धारा 3 (3) पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी अपने दायित्व का
निर्वाह ठीक से नहीं कर रहे हैं। धारा 3 (3) के कागजात द्विभाषी न होने पर उन्हें अनुमोदन न
प्रदान किया जाए।
- अधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्हें हिंदी में काम
करने के लिए निर्देशित किया जाए तथा इस संबंध में अपने दायित्वों का निर्वाह
ठीक प्रकार से करने के लिए कहा जाए।
राजभाषा
कार्यान्वयन समिति
- राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष एवं
सदस्यों का लक्ष्य शत-प्रतिशत कम हिंदी में करना होना चाहिए।
- बैठकें नियमित रूप से ठीक 3 महीने के अंतराल पर
होनी चाहिए।
- बैठक की अध्यक्षता करने हेतु अध्यक्ष अवश्य समय
निकालें।
प्रवीणता प्राप्त अधिकारी एवं कर्मचारी
तथा प्रशिक्षण प्राप्त लिपिक एवं आशुलिपिक
- प्रवीणता
प्राप्त एवं कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर्मचारियों द्वारा उनके अनुपात के
अनुसार हिंदी में काम नहीं । इच्छाशक्ति का अभाव दिखाई देता है।
- नियम
10(4)
के अंतर्गत
अधिसूचना जारी किए जाने एवं 8(4) के अंतर्गत आदेश जारी किए जाने के बावजूद
अधिकारी एवं कर्मचारी हिंदी में काम नहीं कर रहे हैं। इस प्रकार संसाधनों का
उपयोग ठीक प्रकार से नहीं किया जा रहा है। इनकी बैठक बुलाकर हिंदी में काम
करने का निर्देश दिया जाए।
- हिंदी
में प्रशिक्षित लिपिकों तथा आशुलिपिकों से हिंदी में काम नहीं लिया जा रहा है, इस प्रकार प्रशिक्षित मानव संसाधन का समुचित उपयोग नहीं किया जा रहा
है। उन्हें हिंदी में काम करने के लिए निर्देशित किया जाए।
- इनकी
क्षमता का दोहन किया जाए।
कंप्यूटर
- कंप्यूटर
पर प्रशिक्षण में कमी नहीं होनी चाहिए। कंप्यूटर कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
- कंप्यूटर
पर प्रशिक्षित कर्मचारियों से हिंदी में पर्याप्त काम लिया जाए। उनकी बैठक
बुलाकर उन्हें हिंदी में काम करने के लिए कहा जाए।
पुस्तकालय
- पुस्तकालय
के लिए बजट निर्धारित किया जाए।
- 50% व्यय हिंदी पुस्तकों एवं साहित्य पर अवश्य किया
जाए।
विज्ञापन
विज्ञापनों पर किए जाने वाले कुल व्यय का
50% हिंदी
विज्ञापनों पर अवश्य किया जाए।
जांच बिंदु
- जांच
बिंदुस्थापित किए जाएं।
- इनकी
कार्यप्रणाली को प्रखर बनाया जाए।
अनुभाग
- अधिक
से अधिक अनुभागों को हिंदी में काम करने के लिए विनिर्दिष्ट किया जाए।
उपेक्षा
- नियमों
की अवहेलना पर कार्रवाई नहीं।
- काम
न करने वालों को परिणाम का डर होना चाहिए। औषधि का उपयोग करें जेब में न
रखें।
- किसी
भी व्यक्ति को या अधिकारी को नोटिस नहीं दी गई।
- उपेक्षा
का भाव दिखाई देता है।
- भीतर
से एहसास जगाए स्वयं को बदलें।
संसदीय
राजभाषा समिति के निरीक्षण के पहले केन्द्र सरकार के किसी भी मंत्रालय, विभाग, संबद्ध और अधीनस्थ कार्यालय/उपक्रम/संस्थान को समिति की निरीक्षण प्रश्नावली भरनी होती है जो उनकी अथवा राजभाषा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध रहती है। समिति द्वारा अपने निरीक्षण के दौरान उठाई जाने वाली आपत्तियां प्रमुखता
निम्नवत होती हैं-
भाग-।
सामान्य
जानकारी
5 पृष्ठों में कुल 9 बिंदुओं के अंतर्गत जानकारी मांगी जाती
है।
- कार्यालय
से संबंधित सामान्य जानकारियों के अलावा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ज्ञान
की स्थिति
- इनमें
प्रशासनिक कार्यों से संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों के ज्ञान की अलग से स्थिति
- प्रवीण
एवं कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त अर्थात हिंदी जानने वाले अधिकारियों एवं
कर्मचारियों में कितने कितना प्रतिशत तक हिंदी में काम करते हैं।
- प्रवीणता
प्राप्त अधिकारियों में कितने
-कितना
प्रतिशत हिंदी में काम करते हैं
-कितना
प्रतिशत कंप्यूटर पर हिंदी में काम करते हैं
-और कितना
प्रतिशत हिन्दी में डिक्टेशन देते हैं।
- पहले
किए गए निरीक्षण, दिए गए आश्वासन और उन पर की गई अनुवर्ती कार्रवाई का ब्यौरा
भाग-।।
राजभाषा अधिनियम एवं नियम के अनुपालन की स्थिति
कुल 5 पृष्ठों में 7 बिंदुओं के अंतर्गत जानकारी मांगी गई है।
- राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के अंतर्गत जारी किए कागजातों का अलग- अलग श्रेणी में विवरण
-यदि उल्लंघन हुआ है तो कौन अधिकारी उत्तरदाई है तथा क्या कार्रवाई की गई
- नियम 5 के अंतर्गत जारी किए गए पत्रों का तथा संबंधित जांच बिंदु का विवरण
-यदि नियम 5 का उल्लंघन हुआ है तो क्या कार्रवाई की गई
- नियम 10 (4 )से संबंधित सूचना तथा यदि कार्यालय को अधिसूचित करने में देरी हुई है तो उसका कारण
- नियम 8(4) से संबंधित सूचना
- यदि व्यक्तिगत आदेश जारी नहीं किए गए तो क्या कारण हैं
-क्या आदेशित कर्मचारी अपना काम हिंदी में कर रहे हैं यदि नहीं, तो इस संबंध में क्या कार्रवाई की गई तथा
- 8(4) का अनुपालन कराने के लिए क्या मॉनिटरिंग व्यवस्था स्थापित की गई है
- कोड,मैनुअल आदि के द्विभाषीकरण की स्थिति तथा इससे संबंधित जांच बिन्दुओं का विवरण
- रजिस्टरों के द्विभाषीकरण की स्थिति तथा उनमें प्रविष्टियों से संबंधित जानकारी
- विभिन्न स्टेशनरी आइटम के द्विभाषीकरण से संबंधित जानकारी तथा जांच बिंदुओं का ब्यौरा । जांच बिंदु स्तर पर कार्रवाई,यदि कार्रवाई नहीं की गई तो क्या कारण है
- नियम 12 के अंतर्गत राजभाषा संबंधी अधिनियम एवं नियम का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभागाध्यक्ष द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं और इस संबंध में मानीटरिंग की क्या व्यवस्था की गई है।
भाग-।।।
संसदीय राजभाषा समिति के प्रतिवेदन के प्रथम 8 खंडों पर राष्ट्रपति जी द्वारा किए गए आदेशों और राजभाषा विभाग द्वारा हिंदी के प्रगामी प्रयोग के संबंध में समय-समय पर जारी किए गए आदेशों के बारे में की गई अनुवर्ती कार्रवाई।
पूरी प्रश्नावली का यह सबसे बड़ा भाग है। कुल 18 पृष्ठों में 24 बिंदुओं के अंतर्गत संबंधित जानकारी मांगी गई है।
- ( केवल क एवं ख क्षेत्र के कार्यालयों के लिए ) निर्देशानुसार इन क्षेत्रों में अंग्रेजी में प्राप्त पत्रों का उत्तर भी हिंदी में दिया जाना है।
-केंद्र सरकार के कार्यालयों,बैंकों,प्रमुख संस्थानों एवं उनके अधीनस्थ कार्यालयों से अंग्रेजी में प्राप्त पत्रों के उत्तर की स्थिति।
-क और ख क्षेत्र में राज्य सरकार के कार्यालयों तथा व्यक्तियों को भेजे गए पत्रों की स्थिति
-क , ख एवं ग क्षेत्र में केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, कार्यालयों एवं उपक्रमों तथा संस्थानों को भेजे गए पत्रों की अलग-अलग क्षेत्रवार स्थिति
-यदि अनुपालन नहीं हुआ है तो क्या कारण है
- कार्यालय द्वारा अपनी ओर से लिखे गए पत्रों से संबंधित विवरण
-क और ख क्षेत्र की राज्य सरकारों और गैर सरकारी व्यक्तियों को भेजे गए पत्र
- क , ख एवं ग क्षेत्र में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों , उपक्रमों एवं संस्थानों को भेजे गए पत्रों का विवरण
-क्या हिंदी पत्राचार बढ़ाए जाने के लिए कदम उठाए गए हैं
-क,ख एवं ग क्षेत्रों को भेजे जाने वाले पत्रों के लिए जांच बिंदुओं का विवरण तथा उनके स्तर पर की गई कार्रवाई
-यदि लक्ष्य पूरा नहीं किया गया है तो क्या इस वर्ष लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा और यदि नहीं तो कब तक प्राप्त कर लिया जाएगा।
- क एवं ख क्षेत्रों को भेजे जाने वाले पत्रों के लिफाफों पर पते हिंदी में लिखा जाना तथा इस संबंध में जांच बिंदुओं का विवरण।
- यांत्रिक सुविधाओं अर्थात कंप्यूटरों से संबंधित विवरण
-यूनिकोड फोंट युक्त कंप्यूटरों की संख्या, हिन्दी कार्य का प्रतिशत।
-विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग में लाए जाने वाले कंप्यूटरों की संख्या,सॉफ्टवेयरों का विवरण तथा हिंदी में किए जा रहे कार्य का प्रतिशत
-यदि कोई विशेष सॉफ्टवेयर प्रयोग में लाया जाता है तो क्या उस पर हिंदी में काम किया जा सकता है, यदि नहीं तो कब तक संभव होगा?
-कितने अधिकारियों कर्मचारियों से कंप्यूटर पर कार्य करना अपेक्षित है तथा
- जो अधिकारी एवं कर्मचारी हिंदी में कंप्यूटर पर कार्य करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें इस दिशा में प्रवीण बनाने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है?
- जो प्रशिक्षित हैं उनमें से कितने अपना कितना काम हिंदी में करते हैं!
-सभी कंप्यूटरों पर कब तक हिंदी में काम होने लगेगा?
- वेबसाइट का विवरण, क्या वह द्विभाषी है और सामग्री को अद्यतन करते समय हिंदी सामग्री को अद्यतन करने के लिए व्यवस्था है या नहीं।
- हिंदी प्रशिक्षण संबंधी सुविधाएं तथा उनके माध्यम । पिछले 1 वर्ष के दौरान कितने अधिकारियों कर्मचारियों को इनके अंतर्गत प्रशिक्षण दिया गया?
- संगठन में प्रशिक्षण व्यवस्था तथा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम सामग्री में एवं प्रशिक्षण देने के लिए हिंदी का प्रयोग। यदि पूरी तरह से ऐसा नहीं किया जा रहा है तो यह कब तक कर लिया जाएगा
- लिपिक टाइपिस्ट एवं
- आशुलिपिक से संबंधित विवरण - कितने प्रशिक्षित हैं तथा उन में कितने अपना काम हिंदी में अधिकांश रूप से या कभी-कभी करते हैं।
-यदि प्रशिक्षित लिपिकों एवं आशुलिपिकों का हिंदी में काम करने के लिए पूरी तरह उपयोग नहीं हो रहा है तो इसका क्या कारण है?
- यदि टंकण और आशुलिपि के क्षेत्रों में लोग हिंदी प्रशिक्षण के लिए शेष हैं तो उनके प्रशिक्षण के लिए क्या कार्यक्रम बनाया गया है?
- राजभाषा कर्मचारियों से संबंधित जानकारी
- विधि संबंधी सूचना
- शब्दकोश, शब्दावली, सहायक साहित्य तथा उनके अधिकारियों एवं अनुभागों को वितरण से संबंधित विवरण
- पुस्तकालय तथा पुस्तकों की खरीद से संबंधित विवरण
- फार्मों से संबंधित विवरण
- भर्ती एवं पदोन्नति परीक्षाओं से संबंधित विवरण
- सेवा पुस्तिकाओं में प्रविष्टियों तथा इस संबंध में जांच बिंदु से संबंधित विवरण
- राजभाषा कार्यान्वयन समिति तथा उसकी बैठकों से संबंधित विवरण
- क्या उनमें वार्षिक कार्यक्रम पर कोई चर्चा की गई
- राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष और सदस्य कितना प्रतिशत कार्य हिंदी में करते हैं?
- नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति से संबंधित विवरण
- राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकों के अलावा अन्य विभागीय बैठकों,सम्मेलनों तथा संगोष्ठियों का विवरण
-क्या इनकी कार्य सूची तथा कार्यवृत्त हिंदी / द्विभाषी में जारी किए गए तथा
- कितने में हिंदी के प्रगामी प्रयोग पर चर्चा की गई?
- टिप्पण आलेखन के प्रोत्साहन के उपाय
-कार्यशाला का आयोजन तथा उनमें भाग लेने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या
-प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का लाभ उठाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या
-उपर्युक्त दोनों में भाग लेने वाले तथा पुरस्कृत अधिकारियों एवं कर्मचारियों में से अपना कार्य 50% या अधिक करने वालों की संख्या - जो ऐसा नहीं करते हैं उनके ऐसा न करने का कारण और इस संबंध में की गई कार्रवाई का ब्यौरा
- वर्ष के दौरान आयोजित समारोह तथा राजभाषा सम्मेलन और निमंत्रण पत्र आदि हिंदी में अथवा द्विभाषी रूप में जारी किए गए या नहीं
- प्रकाशनों से संबंधित विवरण
- क्या समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली सामग्री की समीक्षा की गई है और
-कमियों को दूर करने के लिए राजभाषा विभाग के निर्देशों के अनुरूप कार्य किया जा रहा है अथवा नहीं
- यदि नहीं तो कारण बताइए।
भाग - ।V
विविध
इस भाग में कुल 3 पृष्ठों के अंतर्गत 9 बिंदुओं के अंतर्गत जानकारी मांगी गई है।
- मानक मसौदों की संख्या
- कार्यालय स्तर पर जारी विज्ञापन
- विभिन्न प्रकार के निरीक्षण
-कितनी रिपोर्ट हिंदी में तैयार की गईं
-कितनी निरीक्षण रिपोर्टों में राजभाषा के प्रयोग संबंधी अनुदेश दिए गए
-मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण
-कार्यालय के अधिकारियों द्वारा अधीनस्थ कार्यालयों का निरीक्षण
- हिंदी में काम करने के लिए विनिर्दिष्ट अनुभाग
- हिंदी दिवस सप्ताह पखवाड़े का आयोजन
-इस दौरान राजभाषा के प्रयोग में भी प्रगति की समीक्षा। समीक्षा का विवरण तथा अनुवर्ती कार्रवाई
-हिंदी टिप्पण पत्राचार में बढ़ोतरी हेतु उठाए गए विशेष कदम तथा उनका विवरण
-लागू विशेष प्रोत्साहन योजनाओं का विवरण
-हिंदी दिवस एवं पखवाड़े के दौरान अन्य दिनों की अपेक्षा कार्यालय में हिंदी टिप्पण एवं पत्राचार में कितने प्रतिशत वृद्धि हुई
- टिप्पणियां
-कुल, हिंदी में पूरे वर्ष भर के दौरान
-विभागाध्यक्ष के द्वारा वर्ष के दौरान लिखी गई टिप्पणियां कुल तथा हिंदी में
- पत्राचार
-कुल, हिंदी में पूरे वर्ष भर के दौरान
-कार्यालय प्रमुख द्वारा पूरे वर्ष के दौरान भेजे गए पत्र कुल तथा हिंदी में
- राजभाषा नीति के कार्यान्वयन में समस्याएं तथा उनका समाधान किस प्रकार किया जाता है
- राजभाषा नीति के कार्यान्वयन एवं प्रचार-प्रसार के लिए किए गए ऐसे विशेष कार्यों का ब्यौरा जिनकी सूचना अन्यत्र न दी जा सकती हो।
विभिन्न भागों पर पूछे जाने वाले प्रश्न
भाग-। पर संभावित प्रश्न
1.प्रवीणता प्राप्त समस्त अधिकारियों तथा
कर्मचारियों द्वारा अपना पूरा काम हिंदी में क्यों नहीं किया जाता है और जिनके
द्वारा अपना पूरा काम हिंदी में नहीं किया जाता है, ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों
के विरुद्ध क्या अनुशासनिक कार्रवाई की गई? क्या उनसे किसी प्रकार का स्पष्टीकरण
मांगा गया?
2.आपके यहां प्रवीणता प्राप्त तथा
कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त अधिकारी एवं कर्मचारी पर्याप्त संख्या में हैं। इसके
बावजूद उनके द्वारा हिंदी में किए जाने वाला काम का प्रतिशत उस अनुपात में नहीं
है। ऐसा क्यों है? यह सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपना काम
हिंदी में करें इसके लिए आप ने क्या कदम उठाए हैं?
3.उप सचिव एवं उससे उच्च स्तर के अधिकारी
हिंदी में प्रवीणता प्राप्त होने पर भी अपना काम अधिकांशत या हिंदी में क्यों नहीं
करते हैं? क्या उन्हें इस संबंध में कोई निर्देश दिया गया। इस संबंध में क्या
कार्रवाई की गई है?
4.प्रवीणता प्राप्त अधिकारियों की संख्या
पर्याप्त होते हुए भी उनके द्वारा पर्याप्त मात्रा में डिक्टेशन हिंदी में क्यों
नहीं दिया जाता है? इसमें बढ़ोतरी के लिए क्या उपाय किए गए?
5.यदि पहले किए गए
निरीक्षणों के बाद दिए गए आश्वासनों पर अनुवर्ती कार्रवाई नहीं की गई है तो उसका
क्या कारण है?
6.यदि आलेख एवं साक्ष्य उपसमिति के साथ विचार-विमर्श के दौरान आश्वासन दिए गए
तो उन पर अनुवर्ती कार्रवाई की गई या नहीं और यदि नहीं तो ऐसा क्यों है?
भाग-। । पर संभावित प्रश्न
7.यदि राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा ( 3 ) का उल्लंघन ……...क्षेत्र में किया जा रहा है तो ऐसा क्यों है? क्या इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी को इस विषय में किसी प्रकार की सलाह दी गई या किसी प्रकार का कदम उठाया गया?
8.करारों के अन्तर्गत संविदा की भी गणना करें। ऐसा न करना गलती है।
9.राजभाषा नियम 5 का यदि किसी प्रकार उल्लंघन किया गया है तो इस विषय में क्या कार्रवाई की गई? क्या इस बारे में जांच बिंदु बनाए गए हैं?
10.क्या कार्यालय नियम 10 ( 4) के अंतर्गत अधिसूचित किए जाने की पात्रता प्राप्त कर चुका है और यदि ऐसा है तो क्या नियम 10 ( 4) के अंतर्गत कार्यालय को अधिसूचित किया गया? यदि नहीं तो क्यों? यदि ऐसा करने में किसी प्रकार की देरी हुई है तो उसका कारण क्या है?
11.क्या नियम 10 (4) के अंतर्गत अधिसूचित होने की स्थिति में नियम 8 (4) के अंतर्गत प्रवीणता प्राप्त अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिए हिंदी में टिप्पण एवं प्रारूप लेखन कार्य करने संबंधी व्यक्तिगत आदेश विभागाध्यक्ष के हस्ताक्षर से जारी किए गए ? यदि नहीं तो क्यों?
12.यदि नियम 8 (4) के अंतर्गत आदेश जारी किए गए तो इस प्रकार आदेशित अधिकारी तथा कर्मचारी क्या अपना काम हिंदी में कर रहे हैं ? यदि नहीं तो इस संबंध में क्या कार्रवाई की गई या की जानी प्रस्तावित है?
13.क्या नियम 8 (4) का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु किसी प्रकार की मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू की गई है?
14.क्या कार्यालय के स्थानीय, मंत्रालय / विभाग अथवा कार्यालय द्वारा निर्धारित या अन्य मंत्रालयों द्वारा निर्धारित नियमावली / कोड मैनुअल द्विभाषी रूप में हैं? यदि नहीं तो ऐसा क्यों और इसके लिए क्या कार्रवाई की जा रही है?
क्या इस बारे में कोई जांच बिंदु बनाया गया है?
15.क्या रजिस्टरों के प्रारूप एवं शीर्षक आदि तथा नामपट्ट आदि द्विभाषी हैं? यदि नहीं तो क्यों?
16.यदि सभी रजिस्टरों में प्रविष्टियां हिंदी में नहीं की जाती है तो ऐसा क्यों है और कब से ऐसा किया जाएगा?
17.क्या मुहर आदि स्टेशनरी आइटम द्विभाषी रूप में बनवाए गए हैं ? यदि नहीं तो ऐसा क्यों है? इस संबंध में क्या जांच बिंदु बनाए गए हैं, उनका ब्यौरा दीजिए। जांच बिंदु स्तर पर इस बारे में क्या कार्रवाई की जा रही है?
18.राजभाषा नियम 12 के अंतर्गत अपने उत्तरदायित्व का पालन करने हेतु कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान ने राजभाषा संबंधी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु क्या कदम उठाए हैं, और इस संबंध में उन्होंने मॉनिटरिंग की क्या व्यवस्था की है?
भाग-।।। पर संभावित प्रश्न
19.'क' और 'ख' क्षेत्रों
में अंग्रेजी में प्राप्त पत्रों का भी उत्तर हिंदी में दिया जाना है। यदि इसका
पूर्णतया पालन नहीं किया जा रहा है तो ऐसा क्यों है और कब तक इसका अनुपालन कर लिया
जाएगा?
20.क, ख और ग क्षेत्रों में स्थित कार्यालयों
द्वारा स्वयं भेजे गए पत्राचार के संबंध में क्या निर्धारित
लक्ष्य क्रमशः 100%,100% तथा 65% / 55% को यदि नहीं
प्राप्त किया गया तो ऐसा क्यों है ? ग क्षेत्रों में यदि लक्ष्य को प्राप्त
कर लिया गया है तो भी उससे आगे बढ़कर काम करने का प्रयास किया जाए।
21.क्या हिंदी में पत्राचार बढ़ाए जाने के विषय में कोई आवश्यक कदम उठाया गया? यदि नहीं तो
क्यों?
22.क्या निश्चित मात्रा में पत्राचार को
सुनिश्चित करने के लिए जांच बिंदु बनाए गए हैं? यदि हां, तो उसका
ब्यौरा । नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जांच बिंदु स्तर पर क्या
कार्रवाई की गई?
23.क्या वार्षिक कार्यक्रम में दिए गए लक्ष्य को इस वर्ष पूरा कर लिया जाएगा ? यदि नहीं, तो कब तक
पूरा किया जाएगा?
24.क्या 'क' और 'ख' क्षेत्रों
को भेजे जाने वाले पत्रों के लिफाफे पर पता हिंदी में लिखा जाता है ? यदि नहीं तो
क्यों ,और इसका
अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए क्या जांच बिंदु बनाए गए हैं तथा उनके द्वारा क्या
कार्रवाई की गई ?
25.क्या कार्यालय में सभी कंप्यूटर यूनिकोड
समर्थित हैं ? यदि नहीं तो क्यों ?
26.प्रशासनिक , लेखा, प्रचालन से
संबंधित तथा अन्य कार्यों में उपयोग के लिए कौन सा सॉफ्टवेयर प्रयोग में लाया जाता
है और इन पर कितना प्रतिशत कार्य हिंदी में किया जा रहा है? यदि
कर्मचारियों के प्रवीणता स्तर को देखते हुए कंप्यूटर पर हिंदी में किए जाने वाले
कार्य का प्रतिशत कम है तो ऐसा क्यों है?
27.क्या कंप्यूटर पर कार्य करने के लिए किसी विशेष सॉफ्टवेयर को प्रयोग में
लाया जाता है? यदि हां, तो क्या इस
पर हिंदी में कार्य करना संभव है और यदि इस पर हिंदी में कार्य करना संभव नहीं है
तो कब तक इसे हिंदी में कार्य करने की योग्य बना लिया जाएगा?
28.आपके यहां कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करने के लिए कितने अधिकारियों
तथा कर्मचारियों का प्रशिक्षित होना अपेक्षित है? यदि सभी प्रशिक्षित नहीं है तो
इन सभी के प्रशिक्षण का कार्य कब तक पूरा कर लिया जाएगा?
29.अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कंप्यूटर
पर अपने हिंदी में काम का प्रतिशत कम है तो ऐसा क्यों है और इसे बढ़ाने के लिए
क्या उपाय किए जा रहे हैं तथा कब तक अधिकांश या पूरा काम हिंदी में किया जाने
लगेगा?
30.कार्यालय की वेबसाइट यदि द्विभाषी रूप में नहीं उपलब्ध है तो क्यों ? क्या यह
अद्यतन है? इसे कब-कब
अद्यतन किया जाता है?
31.यदि वेबसाइट के संबंध में किसी कंपनी के साथ करार किया गया है तो क्या अंग्रेजी
सामग्री को उस पर अद्यतन करते समय हिंदी सामग्री को भी अद्यतन करने का प्रावधान है?
32.क्या हिंदी प्रशिक्षण संबंधी सुविधाएं
उपलब्ध हैं? यदि नहीं तो क्यों?
33.संगठन में संचालित किए
जाने वाले प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की सामग्री क्या द्विभाषी रूप में है? यदि नहीं, तो इसका
कारण क्या है? समस्त
प्रशिक्षण पाठ्य-सामग्री को कब तक द्विभाषी रूप में कर लिया जाएगा?
34.क्या प्रशिक्षण संस्थानों में हिंदी माध्यम से प्रशिक्षण दिए जाने संबंधी
राजभाषा विभाग के आदेशों का समुचित पालन नहीं किया जा रहा है ? यदि नहीं तो
क्यों और कब तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा?
35.हिंदी लिपिकों तथा आशुलिपिकों के टंकण तथा आशुलिपि प्रशिक्षण संबंधी 100% लक्ष्य को
क्या पूरा कर लिया गया है ? यदि नहीं तो इस लक्ष्य
को पूरा करने के लिए क्या कार्यक्रम बनाया गया है और कब तक इसे पूरा कर लिया जाएगा?
36.हिंदी में प्रशिक्षित सभी लिपिक तथा
आशुलिपिक अपना पूरा/अधिकांश कार्य हिंदी में क्यों नहीं करते हैं? इस दिशा में
प्रगति करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
37.क्या राजभाषा कार्यान्वयन का कार्य संपन्न करने के लिए अधिकारियों तथा
कर्मचारियों की संख्या निर्धारित मानक के अनुसार है? यदि नहीं तो क्यों और कब तक
इसे निर्धारित मानक के अनुसार भर लिया जाएगा? यदि संबंधित पद खाली पड़े हैं तो
इन्हें कब तक भर लिया जाएगा?
38.क्या शब्दकोष तथा
अंग्रेजी- हिंदी शब्दावलियों का वितरण समस्त अधिकारियों तथा अनुभागों
को कर दिया गया है । यदि नहीं तो कब तक इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा?
39.पुस्तकालय के लिए हिंदी पुस्तकों की खरीद
के लिए 50% व्यय यदि नहीं किया जा रहा है तो क्यों? यदि लक्ष्य नहीं
प्राप्त किया जा सका है तो इस संबंध में लक्ष्य को कब तक प्राप्त कर लिया जाएगा?
40.यदि भर्ती तथा पदोन्नति परीक्षाओं और साक्षात्कारों में उम्मीदवारों को
हिंदी का विकल्प नहीं दिया गया है, तो कब तक इसे उपलब्ध करा दिया जाएगा?
41. यदि समस्त सेवा अभिलेखों तथा पुस्तिकाओं में हिंदी/ द्विभाषी रूप में
प्रविष्टि किए जाने के प्रावधान को पूरा नहीं किया गया है तो कब तक ऐसा कर लिया
जाएगा? क्या इस
संबंध में जांच बिंदु बनाए गए हैं यदि नहीं तो क्यों?
42.क्या राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार किया
गया है? यदि नहीं तो
कब तक इसे पूरा कर दिया जाएगा?
43.क्या राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक
नियमित रूप से 3 महीने के अंतराल पर की जाती है और क्या इसकी अध्यक्षता विभागाध्यक्ष स्वयं
करते हैं ? यदि नहीं तो इसके क्या कारण हैं और कब तक इसे पूरा कर लिया जाएगा ?
44.क्या वार्षिक कार्यक्रम पर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में चर्चा की
गई?
45.राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष
एवं सदस्य अपना कितने प्रतिशत कार्य हिंदी में करते हैं? इनके द्वारा
हिंदी में किए जाने वाले कार्य का प्रतिशत कम क्यों है? विभागाध्यक्ष
स्वयं क्यों हिंदी में कम काम करते हैं?उन्हें अपने काम से दूसरों के लिए उदाहरण
प्रस्तुत करना चाहिए।
46.क्या आपके नगर में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति है और क्या उसमें आपके
विभागाध्यक्ष भाग लेते हैं? यदि नहीं भाग लेते हैं तो क्यों?
47.क्या नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के कार्यवृत्त पर कार्रवाई की जाती है? यदि नहीं की
गई तो क्यों?
48.वर्ष भर के दौरान आयोजित विभागीय बैठकों /सम्मेलनो तथा संगोष्ठियों में
कितनों की कार्यसूची तथा कार्यवृत्त हिंदी में/ द्विभाषी रूप में जारी किए गए? यदि इस
संबंध में दिशा निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया तो क्यों?
49.क्या हिंदी कार्यशालाओं का नियमित रूप से
प्रत्येक 3 महीने के अंतराल पर आयोजन किया गया ? यदि नहीं तो क्यों और इस संबंध में
भविष्य में अनुपालन हेतु क्या कदम उठाए जाएंगे?
50.विभागीय प्रोत्साहन पुरस्कार योजनाओं में भाग लेने वाले अधिकारियों तथा
कर्मचारियों की संख्या यदि कम है तो क्यों? इसमें बढ़ोत्तरी के लिए क्या उपाय किए जा
रहे हैं?
51.हिंदी कार्यशालाओं तथा प्रोत्साहन
पुरस्कार योजनाओं में भाग लेने वाले कितने अधिकारी एवं कर्मचारी अपना 50% या अधिक काम
हिंदी में करते हैं? यदि सभी ऐसा नहीं कर रहे हैं तो इस
स्थिति को सुधारने के लिए क्या उपाय किए गए?
52.वर्ष के दौरान आयोजित कितने समारोहों में निमंत्रण पत्र आदि द्विभाषी रूप
में मुद्रित करवाए जाने का अनुपालन किया गया ?यदि ऐसा नहीं किया गया तो क्यों?
53.कार्यालय/ संगठन के कितने प्रकाशन द्विभाषी/ हिंदी रूप में होते हैं? यदि यदि सभी
द्विभाषी रूप में नहीं होते हैं तो इस लक्ष्य को कब तक प्राप्त कर लिया जाएगा?
54.क्या हिंदी और अंग्रेजी के लेखकों तथा संपादकों को समान रूप से वेतनमान एवं
पारिश्रमिक दिया जाता है? यदि नहीं तो क्यों?
55.क्या संसदीय राजभाषा समिति के समक्ष
प्रस्तुत की जाने वाली सामग्री की समीक्षा की गई है और जो भी कमियां पाई गई हैं
उन्हें दूर करने के लिए क्या राजभाषा विभाग द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन किया
जा रहा है ? यदि नहीं, तो क्यों?
भाग - ।V पर संभावित प्रश्न
56.आपके यहां सभी मानक मसौदे द्विभाषी/ हिन्दी क्यों नहीं हैं? (यदि नहीं
हैं तो)
57.50% से कम विज्ञापन द्विभाषी/ हिंदी में क्यों जारी किए गए? ( यदि ऐसा है
तो)
58.समस्त प्रकार के निरीक्षण की रिपोर्टें द्विभाषी/ हिंदी में क्यों नहीं
तैयार की गईं?
59.निरीक्षण रिपोर्टों में राजभाषा के उपयोग संबंधी निर्देश क्यों नहीं दिए गए? (यदि नहीं
दिए गए तो)
60.कुल अनुभागों में से कितने अनुभाग हिंदी
में कार्य करने के लिए विनिर्दिष्ट किए गए हैं तथा इनकी संख्या यदि कम है तो क्यों
? पर्याप्त क्यों नहीं है ? इनकी संख्या बढ़ाइए।
61.हिंदी दिवस / पखवाड़े के दौरान राजभाषा के प्रयोग में कितनी प्रगति हुई ? क्या
समीक्षा कर कोई कार्रवाई की गई ?यदि हां तो उसका ब्यौरा संलग्न करें। क्या इस दौरान हिंदी टिप्पण/ पत्राचार
में बढ़ोत्तरी हेतु विशेष कदम उठाए गए ?
62.विशेष प्रोत्साहन योजनाएं समुचित रूप में क्यों नहीं लागू की गईं? (यदि नहीं
लागू की गईं तो)
63.हिंदी पखवाड़े के दौरान अन्य दिनों की अपेक्षा हिंदी टिप्पण/पत्राचार में
कितने प्रतिशत वृद्धि हुई?
64.विभागाध्यक्ष के तौर पर आपके द्वारा लिखी गई हिन्दी टिप्पणियों तथा पत्राचार का
प्रतिशत कम है। इसमें और अधिक बढ़ोतरी करने के लिए प्रयास करना अपेक्षित है।