माँ सचमुच महान होती है
पुत्र भले ही कुपुत्र हो
माता कभी भी कुमाता नहीं होती
पुत्र हठ कर बैठा-
मैंया मैं तो तेरो मुकुट ही लैहों
जो न मानी तू
तोहें छोड़ वन को चले जैहों
यह ले अपनी लकुटि कमरिया
और पुत्र वन को चल दिया
माँ 'बेटा-बेटा' चिल्लाती रही
आखिर माँ बोली-ठीक है बेटा
ये मुकुट तेरा ही है,
घर लौट आ ,मुकुट ले - ले
लाल। ने जल्दी ही लौट आने का वादा किया और मान गया!
पुत्र भले ही कुपुत्र हो
माता कभी भी कुमाता नहीं होती
पुत्र हठ कर बैठा-
मैंया मैं तो तेरो मुकुट ही लैहों
जो न मानी तू
तोहें छोड़ वन को चले जैहों
यह ले अपनी लकुटि कमरिया
और पुत्र वन को चल दिया
माँ 'बेटा-बेटा' चिल्लाती रही
आखिर माँ बोली-ठीक है बेटा
ये मुकुट तेरा ही है,
घर लौट आ ,मुकुट ले - ले
लाल। ने जल्दी ही लौट आने का वादा किया और मान गया!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें